Saturday, December 21, 2013

एक पाती राहुल बबुआ के नाम

      स्वस्ति श्री लिखीं चाचा बनारसी के तरफ़ से राहुल बबुआ को ढेर सारा प्यार, दुलार, चुम्मा। इहां हम राजी-खुशी हैं और उम्मीद करते हैं कि तुम भी अरविन्द-नमो के झटके से उबरने की कोशिश कर रहे होगे। बचवा, राजनीति में हार-जीत तो लगी ही रहती है। तुम्हारी दादी को भी राजनारायण ने १९७७ में तुम्हारे खानदानी गढ़, रायबरेली में ही पटखनी दे दी थी। लेकिन ढाई साल के बाद उन्होंने दुबारा दिल्ली दरबार पर कब्ज़ा किया। तुम दिलेरी से काम लो। दिल छोटा न करो। अपनी स्टाइल मत बदलो। अमिताभ बच्चन यंग्री यंगमैन की इमेज के कारण ही सुपर स्टार, मेगा स्टार और मिलेनियम स्टार बन गया। आज भी बहुतों को करोड़पति बना रहा है। तुम भी राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और दिल्ली के चुनाव के पहले जब बांह चढ़ाकर भाषण देते थे, तो मुझे जवानी का अमिताभ बच्चन ही दिखाई देता था। दागी नेताओं को बचाने वाले मनमोहन के अध्यादेश को जब तुमने फाड़ कर कूड़ेदान में फेंक दिया था, तो मेरा मन बाग-बाग हो गया था। मुझे पूरी उम्मीद हो गई थी कि जनता को यह अदा जरूर पसन्द आयेगी। लेकिन एहसान फ़रामोश जनता नमो और केजरीवाल के बहकावे में आ गई। उसने तुम्हारे समर्पण और त्याग के बारे में सोचा तक नहीं। भरी जवानी में तुम कुंआरे हो, गर्ल फ़्रेन्ड कैलिफोर्निया में बैठी है। तुम्हारी उमर के लड़के जिन्स-शर्ट पहनकर हर वीक-एन्ड में डेटिंग करते हैं। हिन्दुस्तान में रहकर तुम यह भी नहीं कर पाते हो। मोटी खादी का सफ़ेद कुर्ता-पायजामा पहनना तुम्हारे पेशे की मज़बूरी है। हिन्दुस्तान का शहज़ादा होने बा्वजूद  भी तुम कलावती के घर भोजन करते हो। इस बेवफ़ा पब्लिक ने सबकुछ भुला दिया और दौड़ पड़ी एक चाय वाले के पीछे। लेकिन निराश होकर स्टाइल बदलने की कवनो ज़रूरत नहीं है। बांह चढ़ाते रहो, कागज फाड़ते रहो, बुन्देलखण्ड में कलावती-रमावती के हाथ की रोटी खाते रहो। रामचन्द्र भी शबरी का जूठा बेर खाने के बाद ही रावण को जीत पाये थे। अमिताभ बच्चन भी कई फ़्लाप फिल्म देने के बाद ही मेगा स्टार बन पाया। कभी-कभी बियाह के बाद भी सितारे चमकते हैं। अमिताभे बच्चन का केस ले लो। जया भादुड़ी से बियाह के बादे वह चमका। तुम भी बियाह कर लो। हिन्दुस्तान की तो कैटरीना कैफ़ भी तुम्हे नहीं भायेगी। तुम्हारे परनाना को लेडी माउन्टबेटन भाती थीं, तुम्हारे वालिद को इटालियन पसन्द आई, तुम अगर कैलिफ़ोर्निया से बहू लाते हो, तो मुझे कोई एतराज़ नहीं होगा। रही बात पब्लिक की, तो इतना गांठ बांध लो - अभी भी यह जनता गोरी चमड़ी को अपना आका मानती है, अंग्रेजी को अपनी भाषा और कोट-टाई को नेशनल ड्रेस। मेरी बात पर अगर शक-सुबहा हो, तो अपनी मम्मी से ही पूछ लेना। इसीलिये हम सलाह दे रहे हैं कि बचवा, बियाह कर ही लो। अगर नहीं करोगे, तो अटल बिहारी वाजपेयी की तरह लंबा इन्तज़ार करना पड़ेगा। २०१४ के चुनाव का इन्तज़ार मत करो। जो करना है, अभी कर लो। उम्मीद का दामन मत छोड़ना। मरता वही जिसकी आशा मर जाती है। मीटिंग में माईक थामते ही गीत गाना - वो सुबहा कभी तो आयेगी ........।
      समलैंगिकों का दिल से समर्थन करके तुमने बहुत अच्छा काम किया। सुप्रीम कोर्ट के ये बुढ़वे जज जवानों के ज़ज़्बातों की कोई परवाह ही नहीं करते। तुमने जवानों का मिज़ाज़ बढ़िया से भांपा है। यह काम सांप्रदायिकता वाले विधेयक लाने से भी ज्यादा फलदायी है। तुम चाहे मुसलमानों के लिये जान भी दे दो, वे बिहार में नीतिश और यू.पी. में मुलायम को ही वोट देंगे। बाकी जगह जो बी.जे.पी. को हरायेगा उसको देंगे। तुम्हारे इस बिल से हिन्दू नाराज़ होंगे अलग से। मोदी की तलवार पर काहे को सान चढ़ा रहे हो। समलैंगिकता पर ही ध्यान लगाओ तो अच्छा। इसमें न हिन्दू का भेद है, न मुसलमान का, न सिक्ख का न इसाई का। तुम एक धर्म बनाओ - गे धर्म। इसका प्रचार-प्रसार करो। सब पीछे रह जायेंगे। तुम्हारा वोट बैंक इतना मज़बूत हो जायेगा कि अरविन्द केजरीवाल, नरेन्दर मोदी, बाबा रामदेव और बुढ़ऊ अन्ना भी एकसाथ मिलकर तुम्हारा मुकाबला नहीं कर सकते। आगे बढ़ मेरे पप्पू, समलैंगिक तुम्हारे साथ हैं। ज़िन्दगी में पहली बार तुमने लीक से हटकर हिम्मत का काम किया है। कामयाबी तुम्हारे कदमों का बोसा ले। जियो राजा।
      खत में ज्यादा राज़ की बातें लिखना ठीक नहीं है। इस देश में तो बज़ट भी लीक होता है और सुप्रीम कोर्ट का जजमेन्ट भी। इसलिये मिलने पर चाचा-मन्त्र दूंगा। थोड़ा लिखना, ज़्यादा समझना। भौजी को जै राम जी की कहना। अपना खयाल रखना। इति शुभ।
            तुम्हारा अपना - चाचा बनारसी।

      

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