Wednesday, July 8, 2020

एक पाती प्रियंका वाड्रा गांधी के नाम



 प्रिय पिंकी बचिया,
   बनारसी चाचा के प्यार-दुलार कुबुल करो।
      आगे समाचार इ हौ कि आजकल योगीजी पर तोहरे ट्विट के काफी चर्चा हो रही है। तुम योगीजी पर सोते-जागते, उठते-बैठते रोजे ट्विट कर रही हो। इ ठीक नाहिं बा। बिटिया, एगो जवान मेहरारू के पराये पुरुष से हमेशा ट्विटिंग में उलझे रहना नीक काम नाहि है। तुम योगीजी को ठीक से समझ नहीं पा रही हो। उ कोई दिग्विजय सिंह, अभिषेक मनु सिंघवी, नारायाण दत्त तिवारी या अहमद पटेल नहीं हैं। उनुकरा सोझा अगर मेनका भी आ जैहें, तबो उनुकरा पर कौनो असर नाहिं पड़ेगा। तू आपन ध्यान अपना लड़िका-फड़िका आउर घर-गृहस्थी में लगाओ तो ज्यादा अच्छा रहेगा। रुपया पैसा, महल-बंगला के त तोहरा लगे कौनो कमी है नहीं। २-जी, ३जी, कोयला, बोफ़ोर्स आउर हेलिकोप्टर घोटाला के पैसा तोहरा महतारी के पास एतना है कि तुम्हारी सात पीढ़ी भी बैठकर खाएगी, तबो नहीं ओरायेगा। ऊपर से राजीव गांधी फाउंडेशन तो है ही। जमीन के खरीद-बिक्री में त तोहार मरद माहिरे हैं, भविष्य की चिन्ता काहे करती हो? इ बात जरूर है कि मोदीजी के रहते चीन और पाकिस्तान से जर-जमीन के कौनो सौदा ना हो पाई। ऐसी स्थिति में धैर्य रखना ज्यादा उचित होगा। घूरे के भी दिन फिरते हैं। का पता लोकतंत्रिक भारत में तोहार परिवार के भी दिन कहियो फिर जाय! अपना भैयवा आउर महतारी के कुछ अक्ल काहे नहीं दे रही हो? हिन्दुस्तानी गदहा की उमर औसतन तेरह साल की होती है। तोहार परिवार के ..हवा के उमिर त पचास साल हो गईल। फिर भी उ कोरोना के पहिले से ही दिमाग और सिर से सोसल डिस्टैंस क्यों मेंटेन कर रहा है। चीन आउर पाकिस्तान के हाथे हिन्दुस्तान के हत्या करावे के तोहार परिवार सुपारी तो नहीं लिया है? अब जबकि तोहरे परिवार के एक पैर जेल में आ एक पैर बाहर बा त, अइसन नासमझी बहुते महंगा पड़ सकता है। अब उ जमाना गया जब तोहरे परिवार की तूती बोलती रही और प्रधान मन्त्री भी तोहरी महतारी के आगे हाथ जोड़कर खड़े रहते थे। एकर ध्यान रखना कि तोहर मरद सहित तुम सभी लोग बेल पर हो।
      हम इ त मानता हूं कि तोहर माई इटली में पैदा हुई। उनसे देशभक्ति की आशा करना बेवकूफ़ी होगी, लेकिन तुम और तुम्हारे भैया पप्पू तो भारत की मिट्टी में ही पैदा हुए, भ्रष्टाचार का ही सही, यहीं का अन्न-जल खा-पीकर बड़े हुए; फिर चीन और पाकिस्तान की दलाली काहे करते हो? देश आज कठिन परिस्थिति से गुजर रहा है। एक तरफ कोरोना माई हाथ में खप्पर लेकर हाहाकार मचाई हैं तो दूसरी तरफ चीन देश का भूगोल बदलने पर ही आमादा है। ऐसे में एक तुमलोग हो जो सरकार और सेना की स्ट्रेटजी जानने के लिए बेताब हो। अरे चीन और पाकिस्तान के करोड़ों जासूस पहिलवें ए देश में मौजूद हैं।  उनको सारी सूचनाएं पहले ही मिल जाती हैं। तुम्हारे बाप के नाना, तुम्हारे बाप और तुम्हारी माई ने इसकी पुख्ता व्यवस्था पहले ही कर दी है। चीनी दूतावास में रात के अंधेरे में भाई, पति और बच्चों के साथ डिनर करने से कौनो फरक नहीं पड़ता है। खामख्वाह जनता की आंख की किरकिरी बनने से का फायदा? समाचार पत्रन में खबर रहे कि तू अपना बेटवा के नाम बदलकर उसमें गांधी जोड़ दी हो। अब उ रेहान वाड्रा गांधी हो गया है। इ काम समझदारी का रहा। रेहान के कारण मुसलमान उसे मुस्लिम समझेंगे, वाड्रा के कारण ईसाई और गांधी के कारण हिन्दू उसे हिन्दू समझेंगे। वैसे भी तुमलोगों की धमनियों में हिन्दू, मुस्लिम और ईसाई का कंबाइंड खून पहिलवे से है। चुनाव में उसके हिन्दू होने पर यदि भाजपाई चूं-चपड़ करें तो कोट के ऊपर से जनेऊ पहना देना। पप्पू भैया अच्छा रास्ता दिखा गए हैं।
      तोहरा सेहत के वास्ते हम हमेशा संवेदनशील रहता हूं। इ कोरोना के समय दिल्ली में का कर रही हो। केजरीवलवा तोहरे घर तक कोरोना पहुंचाने में कोई कमी नहीं छोड़ेगा। एक बार पकड़ लेगा तो चीनी दूतावास भी कोई मदद नहीं करेगा। जिंग शिंग भी हाथ खड़े कर देगा। शिमला में महल आखिर कौने दिन वास्ते बनवाई हो। हिमालय की गोद में आराम से रहो। उहां से चीन भी नजदीके पड़ेगा। एक ठे सलाह आउर दे रहा हूं – कबहूं गलती से भी बाबा रामदेव का कवनो सौन्दर्य प्रसाधन यूज मत करिह। बबवा कोरोना का भी दवाई बनाया है। अब अगर भारत से कोरोना भाग जाय आउर चीन भी बार्डर से भाग जाय तो, कांग्रेस की तो दुकनवे बन्द हो जाएगी। होशियार रहना, बाबा के साबुन से नहाते ही देशप्रेम का कीड़ा दिमाग में घुस जाता है। उसका योग-प्राणायाम भी तुम्हारे अति कोमल गात के लिए सुटेबुल नहीं है।
      अब पाती बन्द करता हूं। थोड़ा लिखना, ज्यादा समझना। कभी-कभार जरुरत पड़े तो चाइनिज मोबाइल से फोन करके नि:शुल्क सलाह लेती रहना।
      भौजी को राम-राम आउर ..हा भतीजा को प्यार-दुलार कह देना। एक ठे बात तो रह ही गया। जमाई राजा से कह देना की डीएलएफ की तरह चीन से जमीन का सौदा करने का कवनो विचार मन में नहीं लावे, भले ही उसमें अरबों-खरबों का फायदा हो।
    इति शुभ,
            तोहार
          चाचा बनारसी

चीन अश्वत्थामा है


अश्वत्थामा द्रोणाचार्य का पुत्र था और कौरवों तथा पाण्डवों के साथ ही उसने अपने पिता द्रोणाचार्य से शस्त्र-विद्या की शिक्षा ली थी। द्रोणाचार्य ने ब्रह्मास्त्र की शिक्षा केवल अर्जुन को ही दी थी। अश्वत्थामा और कर्ण को उन्होंने ब्रह्मास्त्र की शिक्षा नहीं दी थी क्योंकि वे इन्हें ब्रह्मास्त्र के लिए उचित पात्र नहीं मानते थे। कर्ण और अश्वत्थामा ब्रह्मास्त्र के लिए गुरु द्रोण से बार-बार आग्रह करते रहे लेकिन उन्होंने इन दोनों को ब्रह्मास्त्र के संचालन और सन्धान की शिक्षा देने से स्पष्ट इंकार कर दिया था। कर्ण ने बाद में झूठ बोलकर परशुराम की शिष्यता ग्रहण की और ब्रह्मास्त्र का ग्यान प्राप्त किया। झूठ पकड़े जाने पर परशुराम ने कर्ण को शाप दिया था कि ऐन मौके पर वह ब्रह्मास्त्र का संचालन भूल जाएगा। लेकिन अश्वत्थामा अपने पिता से ही ब्रह्मास्त्र की शिक्षा ग्रहण करने की ज़िद पर अड़ा रहा। उसने अपनी माता के माध्यम  से द्रोणाचार्य को मनाने का प्रयास किया लेकिन असफल रहा। अन्त में उसने पिता द्वारा ब्रह्मास्त्र नहीं सिखाने के कारण आत्महत्या करने की धमकी दी। पुत्र-मोह के कारण द्रोणाचार्य को झुकना पड़ा और उन्होंने  न चाहते हुए भी अश्वत्थामा को ब्रह्मास्त्र की शिक्षा दे डाली।
महाभारत युद्ध की समाप्ति के बाद भी अश्वत्थामा ने रात में सोते हुए द्रौपदी-पुत्रों का वध कर दिया। उसको पकड़ने और दंडित करने के लिए भीम और अर्जुन ने अश्वत्थामा की खोज की। जब वह अर्जुन के सामने पड़ा तो बचने के लिए ब्रह्मास्त्र का उपयोग कर दिया। श्रीकृष्ण की सलाह पर अर्जुन ने भी ब्रह्मास्त्र का प्रयोग किया। दोनों के द्वारा प्रक्षेपित ब्रह्मास्त्र आकाश में टकराए और फलस्वरूप सृष्टि के तबाह होने की स्थिति आ गई। महर्षि व्यास समेत ऋषि-मुनियों ने दोनों से ब्रह्मास्त्र वापस लेने का अनुरोध किया। अर्जुन ने अपना ब्रह्मास्त्र वापस ले लिया लेकिन अश्वत्थामा ने यह बहाना करके कि उसे ब्रह्मास्त्र को लौटाना नहीं आता अपना ब्रह्मास्त्र वापस नहीं किया। ऋषियों ने बहुत अनुनय-विनय किया लेकिन उसने अपना ब्रह्मास्त्र वापस नहीं लिया। अन्त में ऋषियों ने उससे आग्रह किया कि वह अपने ब्रह्मास्त्र का लक्ष्य इस तरह निर्धारित करे कि कम से कम क्षति हो। दुष्ट अश्वत्थामा ने अभिमन्यु के गर्भ में पल रहे शिशु को नष्ट करने के लिए उसे उत्तरा के गर्भ को निशाना बनाया। शिशु गर्भ में ही मर गया। बाद में श्रीकृष्ण ने अपनी दिव्य शक्ति से मृत शिशु को जीवित कर दिया। द्रोणाचार्य सच ही कहते थे थे कि अश्वत्थामा ब्रह्मास्त्र का पात्र नहीं था।
चीन भी कलियुग का अश्वत्थामा है। यद्यपि उसने गलवान घाटी और लद्दाख से अपनी सेना हटाने के लिए अपनी सहमति दे दी है। सेनाएं पीछे हट भी रही है लेकिन अश्वत्थामा की तरह कभी भी भारत को धोखा दे सकता है। पूरी दुनिया जानती है कि चीन समझौता तोड़ने के लिए कुख्यात है। इसलिए भारत को सदैव सजग रहना होगा। कोरोना वायरस और भारत की सीमा पर अतिक्रमण के कारण चीन पूरी दुनिया में अलग-थलग पड़ गया है। अपनी खीझ मिटाने के लिए वह कभी भी आक्रमण कर सकता है। इसलिए भारत को हमेशा उच्च स्तरीय सावधानी बरतने की परम आवश्यकता है।

Tuesday, July 7, 2020

एक पाती प्रियंका वाड्रा गांधी के नाम



 प्रिय पिंकी बचिया,
   बनारसी चाचा के प्यार-दुलार कुबुल करो।
      आगे समाचार इ हौ कि आजकल योगीजी पर तोहरे ट्विट के काफी चर्चा हो रही है। तुम योगीजी पर सोते-जागते, उठते-बैठते रोजे ट्विट कर रही हो। इ ठीक नाहिं बा। बिटिया, एगो जवान मेहरारू के पराये पुरुष से हमेशा ट्विटिंग में उलझे रहना नीक काम नाहि है। तुम योगीजी को ठीक से समझ नहीं पा रही हो। उ कोई दिग्विजय सिंह, अभिषेक मनु सिंघवी, नारायाण दत्त तिवारी या अहमद पटेल नहीं हैं। उनुकरा सोझा अगर मेनका भी आ जैहें, तबो उनुकरा पर कौनो असर नाहिं पड़ेगा। तू आपन ध्यान अपना लड़िका-फड़िका आउर घर-गृहस्थी में लगाओ तो ज्यादा अच्छा रहेगा। रुपया पैसा, महल-बंगला के त तोहरा लगे कौनो कमी है नहीं। २-जी, ३जी, कोयला, बोफ़ोर्स आउर हेलिकोप्टर घोटाला के पैसा तोहरा महतारी के पास एतना है कि तुम्हारी सात पीढ़ी भी बैठकर खाएगी, तबो नहीं ओरायेगा। ऊपर से राजीव गांधी फाउंडेशन तो है ही। जमीन के खरीद-बिक्री में त तोहार मरद माहिरे हैं, भविष्य की चिन्ता काहे करती हो? इ बात जरूर है कि मोदीजी के रहते चीन और पाकिस्तान से जर-जमीन के कौनो सौदा ना हो पाई। ऐसी स्थिति में धैर्य रखना ज्यादा उचित होगा। घूरे के भी दिन फिरते हैं। का पता लोकतंत्रिक भारत में तोहार परिवार के भी दिन कहियो फिर जाय! अपना भैयवा आउर महतारी के कुछ अक्ल काहे नहीं दे रही हो? हिन्दुस्तानी गदहा की उमर औसतन तेरह साल की होती है। तोहार परिवार के ..हवा के उमिर त पचास साल हो गईल। फिर भी उ कोरोना के पहिले से ही दिमाग और सिर से सोसल डिस्टैंस क्यों मेंटेन कर रहा है। चीन आउर पाकिस्तान के हाथे हिन्दुस्तान के हत्या करावे के तोहार परिवार सुपारी तो नहीं लिया है? अब जबकि तोहरे परिवार के एक पैर जेल में आ एक पैर बाहर बा त, अइसन नासमझी बहुते महंगा पड़ सकता है। अब उ जमाना गया जब तोहरे परिवार की तूती बोलती रही और प्रधान मन्त्री भी तोहरी महतारी के आगे हाथ जोड़कर खड़े रहते थे। एकर ध्यान रखना कि तोहर मरद सहित तुम सभी लोग बेल पर हो।
      हम इ त मानता हूं कि तोहर माई इटली में पैदा हुई। उनसे देशभक्ति की आशा करना बेवकूफ़ी होगी, लेकिन तुम और तुम्हारे भैया पप्पू तो भारत की मिट्टी में ही पैदा हुए, भ्रष्टाचार का ही सही, यहीं का अन्न-जल खा-पीकर बड़े हुए; फिर चीन और पाकिस्तान की दलाली काहे करते हो? देश आज कठिन परिस्थिति से गुजर रहा है। एक तरफ कोरोना माई हाथ में खप्पर लेकर हाहाकार मचाई हैं तो दूसरी तरफ चीन देश का भूगोल बदलने पर ही आमादा है। ऐसे में एक तुमलोग हो जो सरकार और सेना की स्ट्रेटजी जानने के लिए बेताब हो। अरे चीन और पाकिस्तान के करोड़ों जासूस पहिलवें ए देश में मौजूद हैं।  उनको सारी सूचनाएं पहले ही मिल जाती हैं। तुम्हारे बाप के नाना, तुम्हारे बाप और तुम्हारी माई ने इसकी पुख्ता व्यवस्था पहले ही कर दी है। चीनी दूतावास में रात के अंधेरे में भाई, पति और बच्चों के साथ डिनर करने से कौनो फरक नहीं पड़ता है। खामख्वाह जनता की आंख की किरकिरी बनने से का फायदा? समाचार पत्रन में खबर रहे कि तू अपना बेटवा के नाम बदलकर उसमें गांधी जोड़ दी हो। अब उ रेहान वाड्रा गांधी हो गया है। इ काम समझदारी का रहा। रेहान के कारण मुसलमान उसे मुस्लिम समझेंगे, वाड्रा के कारण ईसाई और गांधी के कारण हिन्दू उसे हिन्दू समझेंगे। वैसे भी तुमलोगों की धमनियों में हिन्दू, मुस्लिम और ईसाई का कंबाइंड खून पहिलवे से है। चुनाव में उसके हिन्दू होने पर यदि भाजपाई चूं-चपड़ करें तो कोट के ऊपर से जनेऊ पहना देना। पप्पू भैया अच्छा रास्ता दिखा गए हैं।
      तोहरा सेहत के वास्ते हम हमेशा संवेदनशील रहता हूं। इ कोरोना के समय दिल्ली में का कर रही हो। केजरीवलवा तोहरे घर तक कोरोना पहुंचाने में कोई कमी नहीं छोड़ेगा। एक बार पकड़ लेगा तो चीनी दूतावास भी कोई मदद नहीं करेगा। जिंग शिंग भी हाथ खड़े कर देगा। शिमला में महल आखिर कौने दिन वास्ते बनवाई हो। हिमालय की गोद में आराम से रहो। उहां से चीन भी नजदीके पड़ेगा। एक ठे सलाह आउर दे रहा हूं – कबहूं गलती से भी बाबा रामदेव का कवनो सौन्दर्य प्रसाधन यूज मत करिह। बबवा कोरोना का भी दवाई बनाया है। अब अगर भारत से कोरोना भाग जाय आउर चीन भी बार्डर से भाग जाय तो, कांग्रेस की तो दुकनवे बन्द हो जाएगी। होशियार रहना, बाबा के साबुन से नहाते ही देशप्रेम का कीड़ा दिमाग में घुस जाता है। उसका योग-प्राणायाम भी तुम्हारे अति कोमल गात के लिए सुटेबुल नहीं है।
      अब पाती बन्द करता हूं। थोड़ा लिखना, ज्यादा समझना। कभी-कभार जरुरत पड़े तो चाइनिज मोबाइल से फोन करके नि:शुल्क सलाह लेती रहना।
      भौजी को राम-राम आउर ..हा भतीजा को प्यार-दुलार कह देना। एक ठे बात तो रह ही गया। जमाई राजा से कह देना की डीएलएफ की तरह चीन से जमीन का सौदा करने का कवनो विचार मन में नहीं लावे, भले ही उसमें अरबों-खरबों का फायदा हो।
    इति शुभ,
            तोहार
          चाचा बनारसी