Monday, July 14, 2014

घरेलू उपकरणों में बिजली की बचत


     एयर कन्डीशनर - कमरे/हाल/दूकान/कार्यस्थल के अन्दर तापमान को सुविधाजनक स्तर पर रखने के लिये एयर कन्डीशनर का प्रयोग एक आम बात हो गई है। एयर कन्डीशनर को स्वतः तापमान नियंत्रक कट आफ़ पर रखें। रेगुलटर को २२ डिग्री से २६ डिग्री पर सेट करें। यही तापमान का वह रेन्ज है जो मानव शरीर के अनुकूल है। कुछ लोग निम्नतम तापमान सेट नहीं करते हैं जिसके कारण एयर कन्डीशनर  लगातार चलता रहता है और तापमान काफी नीचे आ जता है। यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। लगातार चलने से एसी का कम्प्रेसर गर्म हो जाता है और जलने की संभावना बढ़ जाती है। कम्प्रेसर एयर कन्डीशनर का दिल होता है। कम्प्रेसर बन्द तो एसी बन्द। कम्प्रेसर जैसे-जैसे गर्म होता है, बिजली की खपत वैसे-वैसे बढ़ती जाती है। अतः रेगुलेटर को २२ से २६ डिग्री के बीच ही रखें।
      एयर कन्डीशनर के साथ छत पर लगे पंखे को भी चलायें। ऐसा करने से ठंढ़ी हवा पूरे कमरे में प्रभावी ढंग से फैलती है जिससे एसी और ठंढ़क प्रदान करता है। सिर्फ़ एसी चलाने से ठंढी हवा नीचे रहती है और गर्म हवा ऊपर रहती है। इसके कारण एयर कन्डीशनर पर अनावश्यक भार पड़ता है।
      एयर कन्डीशनर खरीदते समय स्टार रेटेड एसी ही लेने का प्रयास करें। स्टार रेटेड एसी में बिजली की खपत कम होती है। कमरे की साईज़ के अनुकूल ही एसी की क्षमता का चयन करें। छोटे कमरे में बड़ी क्षमता का एसी लगाने से ठंढ़क थोड़ी ज्यादा जरूर मिलती है लेकिन बिजली की खपत बहुत बढ़ जाती है। कमरे के क्षेत्रफल के हिसाब से ही एसी कि क्षमता का चयन करें। १२० वर्गफ़ीट के कमरे के लिये १ टन की क्षमता वाले एसी की आवश्यकता होती है। एसी लगे कमरों की खिड़कियों पर पर्दे अवश्य लगायें। खिड़की और दरवाजे कभी खुला न रखें। बाहर से हवा आने-जाने वाले सभी स्रोतों को सील कर दें।
       एसी थर्मोस्टेट के निकट लैम्प, टीवी, कमप्यूटर या कोई अन्य गर्म होने वाला उपकरण न रखें। इन उपकरणों से गर्मी निकलती है जिसे थर्मोस्टेट ग्रहण करता है। इसके कारण एसी अनावश्यक रूप से अधिक समय तक चलता है। इससे बिजली ज्यादा खर्च होती है और बिल की राशि भी बढ़ जाती है।
      कमरे के बाहर निकले एसी के भाग पर हमेशा छांव रखने कि व्यवस्था करें। इसके लिए उसके आसपास लता या छोटे-बड़े पेड़ लगाएं। यदि यह संभव नहीं है तो उचित दूरी एवं ऊंचाई के शेड का प्रयोग करें। इससे १०% तक बिजली की बचत होती है।
      ध्यान रहे, विद्युत की बचत विद्युत उत्पादन के समतुल्य है।

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